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Sunday, March 22, 2020

Janta curfew- it"s care for you

Janta curfew- it"s care for you

                 
janta-curfew
janta-curfew

                                  देश एक अजीब विकट परिस्थिति से होकर गुजर रहा है ,आशंका ,अनिश्चितता, और डर के माहौल  ने लाइफ और और अर्थ्व्यस्ता को ठप करके रख  दिया है ।शायद ही किसी ने कल्पना  की होगी की हॉलीवुड़ मूवीज की तरह सड़के ,माल ,सिनेमा हाल ,से लेकर चारो तरफ सन्नाटा होगा । लोगो सडको पर मास्क लगा कर घूमेंगे ।  हर चेहरा एक नए तंज को लेकर चलेगा ।  ये सब सच हो रहा है कोरोना वायरस की वजह से । दिसम्बर 2019 में चीन से शुरु हुई ये विपदा आज विश्व के 170 देशो में मौत और लाशो का ढेर लगा रही है ।  कोई नही जानता की परिणाम क्या होगा । इसका अंत क्या  होगा ।  कुछ बाते है जो अगर संजीदा होकर सोची जाए तो इस विपदा के बहुत गंभीर अर्थ प्रकट करते है । 



Janta curfew-विकासवाद और प्रकृति के मध्य एक जंग-

                        लगभग 3000 लोगो की  जान लेने के बाद जब ये विपदा इटली पहुंची तो स्थितियां काफी गंभीर हो चुकी  थी । शुरु में लगभग सभी ने इसे मज़ाक के तौर पर लिया या यु कहा जाए बिलकुल भी गंभीर नही नज़र  आये । पहले सप्ताह में जहा मरने वालो का आंकड़ा 400 था वो तीसरे सप्ताह 3200 पर पहुँच गया ।  इतने विकशित यन्त्र ,संसाधन व्यवस्था और मेडिकल फैसिलिटी के बावजूद इटली,स्पेन, और ऐसे देश जो अपने आप को सुपरपावर कह रहे थे बेबस नज़र आये । एक वायरस ने ये प्रमाण दे दिया की इंसान अदना सा बौना है । ये विचारधारा की प्रकृति को वस् में किया जा सकता है ,इस घटना के बाद धरासाई हो जाएगा । अमेज़न के जंगलो की आग हो ,antartica के कई हिमखंडो का गायब होना हो , या फिर सुंदरबन का धीरे धीरे खत्म होना हो ,इंसान ने अपनी जरुरत के लिए प्रकृति को दोनों हाथो से नोचा है । जिस "सहस्तितव" या co-exhistence की भावना के साथ जीवन यहाँ पृथ्वी पर शुरु हुवा उसे इंसान द्वारा हड़प लिया गया है
janta Curfew



Janta curfew-प्रबल होती सहस्तितव की भावना

                              आज जब पूरा संसार lockdown हो चूका है ,सारे समुन्द्र तट,सड़के ,माल और सहर के शहर खाली हो चुके है ,प्रकृति के अन्य जीव शंखनाद कर रहे है ,इन चंद दीनो में कुछ ऐसी चीज़े हुई जो इंसानों को पीछे लौटने पर मजबूर कर देंगी .....

janta-curfew
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janta curfew
  •  इटली के तट पर बड़े बड़े जहाजो का बेडा आना बंद हुवा ,आवाजाही बंद हुई तो इस शांत वातावरण में whale तट पर अठखेलिय करती  हुई देखी गई,इसे सामान्य घटना नही समझा जाना चाहिए ।                 
  • जब लोग घरो में कैद हुवे तो पुरे संसार का प्रदुषण  सबसे निचले स्तर पर आ गया ,वायु की गुणवता में अचानक से इतना सुधार आया जितने पिछले 50 सालो में नही आ पाया ।                                                  
  • समुन्द्र का पानी एकदम से साफ़ हो गया , इटली की कई नहरों में विलुप्त होते बतखो को देखा गया जो पानी पर बिना किसी डर और भय के घूम रहे थे ।                                                                            
     
  • सिंगापुर के वीरान तटो पर समुंद्री otters ने लोगो की अनुपस्थीति में खूब मज़े किये । वो बहार आये और बिना डर के खुले में घूमते देखे गए । अपने आप में ये एक दुर्लभ घटना थी ।                                           
                                                                         
  • Egyptian geese को स्वछंद रूप से तेलविव एअरपोर्ट पर विचरण करते हुवे देखा गया । समूह में वो ऐसे चल रहे हो जैसे न जाने कितने वर्षो के बाद उन्हें आज़ादी मिली हो । सभी देशो की उड़ने रदद है इसी वजह से सारे एअरपोर्ट वीरान पड़े है ।    


  • सिकागो के एक zoo में enny और Eddy पेंगुइन के दो जोड़ो को बिना किसी बाधा के घूमते देखा गया । वो बिना  किसी भये के इतने मनोहरं  दृश्य के गवाह बन रहे थे जो इंसान ने सदियों से छीन लिया है ।                                                                                     
                           
    ये वो बाते थी जो इंसान और प्रकृति के मध्य थी, अगर इंसानों और इंसान के कृत्य की बात की
    जाए तो बलात्कार,चोरी,dacoty ,मर्डर और शोषण के सबसे कम मामले दर्ज किये गए । या यु कहे की सदियों में ऐसा पहली बार हुवा की ऐसी वारदाते नगण्य थी । हो सकता है ये किसी बुद्धिजीवी के लिए शोध का विषय न हो ,परन्तु प्रकृति के अन्य जीवो ने अपने उन दावों को दुबारा जाहिर करना चाहा जिसके लिए वो अधिकारी है और भागीदार है

    janta Curfew- प्रकृति में जीवो में समानता और सहस्तितव की भावना का हास

    janta-curfew
    janta-curfew

    Corona virus se bachao ke liye p3 

     janta curfew

    अब सवाल ये उठता है की आखिर हम ऐसा क्या पाना चाहते है ? और किसके लिए करना चाहते है ? क्या हमने जीवन के उस सिद्धांतो को कभी माना जिसके लिए हम इस धरती और यहाँ के जीवो के ऋणी है । हम अपने हर भोगविलास के लिए प्रकृति पर आश्रित है ,यहाँ के जीवो पर आश्रित है फिर हमने उन्हें जीने और बढ़ने के लिए क्यों सिमित कर दिया । हमने हर वो चीज़ की जो हमारे जीवन को बेहतर कर सकती थी ,सिवाए इसके की हमने जो यहाँ से लिया उसके बदले में क्या दिया इस धरती को । जंगले के जंगले साफ़ हो गए ,समुन्द्र के समुन्द्र सुख गए ,हर भरे पेड़ पौधे आज बंजर हो गए ,फिर भी हमारी जरूरते हम तक सीमित न रहकर औरो की जान तक पहुँच गई ?


      जिस janta curfew के लिए आज हमारे प्रधानमन्त्री जी को आग्रह करना पड़ रहा है ,उसे तो हमने न जाने कितनो जीवो पर कई बरसो से थोपा है । ये janta curfew उस वक्त भी होना चाहिए था ,जब हमने अन्धाधुन पेड़ो को काँटा , ये jant curfew उस वक़्त भी होना चाहिए था जब हमने जंगल के जंगल साफ़ कर दिए  । ये janta curfew उस वक़्त कहा गया जब हमने कंक्रीट का सहर बसाया



janta curfew-दर्द में हमदर्द की तलाश 

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 janta curfew

                            अब जबकि इटली, स्पेन, ईरान और बहुत से ऐसे देश जो लाशों से अटे पड़े है , जहा ट्रक के ट्रक लाशें बिखरी पड़ी है , दफ़नाने की लिए जमीन कम पड़ गई है ,ऐसे में भारत में Janta Curfew के लिए निवेदन हास्यापद लगता है ।लाशो के ढेर में कोई किसी को पूछने वाला नही है । कुछ चीज़े जिसने इंसानी फिदरत की पोल खोल दी ...


    लाशो के ढेर में चाहे वो इटली हो, ब्रिटेन हो या फिर ईरान अपनों को देखने कोई नही आया ....

  जभी किसी को मालूम चलता की उसके घर का कोई सदस्य कोरोना वायरस से  पीड़ित है उसके लिए वो उसी वक़्त किसी अछूत की तरह हो जाता
एक विषाणु जनित रोग ने रिश्तो की पूरी बुनियाद में छेद कर दिया , बीमार पड़ने से लेकर ,जलने तक लोग दूर भागते रहे । 



निष्कर्ष- इस पृथ्वी पर इंसान ने हर संसाधन पर कब्ज़ा कर रखा है ,फिर चाहे वो संसाधन किसी और जीवो के लिए बना हो ,या किसी और मायने के लिए । एक बार जरुरत है हमे अपने कृत्यों का मुल्यांकन करने की और विकास और भोगविलासिता की अंधी दौड़ से बाहर निकलने पर । इंसान को मानना होगा की वो अकेला  इस धरती पर जीवन का वाहक नही है ,करोडो जीव और जंतु इस इस धरती पर सह-अस्तित्व की भावना से जीवन यापन कर रहे है और इसका अभिन्न हिस्सा है । उनकी अनुपस्थीति हमारे जीवन को और इस पृथ्वी को विनाश की और अग्रसर कर देगी


अब आइये कल के janta curfew के मायने को समझा जाय

            कल यानी २२ मार्च  २०२० को प्रधानमंत्री जी ने कोरना वायरस के प्रकोप और community infection को कम करने के लिए janta curfew का निवेदन किया है । अब जब हम रेड जोन में आ गए है कल के साथ हमे आने वाले चंद हफ्ते तक कुछ बातो का ध्यान रखना होगा और उन्हें मानना होगा अगर हम नही चाहते की हमरा देश दूसरा इटली बने तो हमे "janta curfew" सफल बनान होगा :-


  1. कल सुबह 9 बजे से रात के 10 बजे तक आप बाहर जाने से बचे 
  2. अपने परिजनों और मित्रो को भी ऐसा करने के लिए कहे 
  3. लोगो का उत्साह और ऐसे लोग जो इस वक़्त अपनी जान जोखिम में डाल कर राष्ट्र सेवा में लगे है उनके लिए हम कल ताली, घर में रखी पूजा की घंटी, थाली बजा कर उनका अभिवादन करेंगे 
  4. अफवाह और भये के माहौल का पूर्ण रूप से बहिस्कार करना है ,कुछ भी अवांछित मिलता है तो आप पुलिस को सूचित करे 
  5. कोरोना वायरस से सम्बंधित किसी भी जानकारी के लिए सरकार द्वारा जारी watsapp no- 9013151515 पर संपर्क करे । 
  6. मास्क और sanitizer को को बहार जाते वक़्त साथ रखे ,याद रखे आपकी समझदारी न जाने कितनो की जान बचा सकती है


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किसी भी सुचना या कोई सन्देश जो आप हम तक पहुचना चाहते है तो हमे लिखे 
agendasocial121@gmail.com

janta curfew                       

Purvi

                             




                       

                             




                       

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