
दिल्ली- चीन अपनी विकासवाद और विस्तारवाद नीतियों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहता है ,पर आज कल चीन पर एक खौफनाक साया छाया हुवा है ,वो साया जिसने महज 10 दीनो में चीन की अर्थव्यवस्था और वहाँ के जनजीवन को तोड़ कर रख दिया है ।पूरा का पूरा शहर डर के साए में जी रहा है । हम बात कर रहे है चीन को पंगु बनाने वाले कोरोना वायरस की ।
करोना वायरस सबसे पहले चीन में फैला था। वुहान ही वह जगह है जहां करोना वायरस फैला था। अब तक के मिली रिपोर्ट के मुताबिक 1106 लोग मारे जा चुके हैं और 42000 लोग संक्रमित हैं। यह वायरस 51 देश में फैल चुका है। यूनाइटेड स्टेट ने इसे एक आपातकालीन महामारी घोषित कर दिया है।
यह चीनी वायरस है जो पूरी दुनिया में फैल रहा है। भारत में भी इसके मामले सामने आ रही हैं। करोना वायरस ऐसा वायरस है जिसकी जानकारी अब तक वैज्ञान में भी नहीं थी। इसका कहर चीन में तो है ही बाकी अन्य देशों में भी करोना वायरस कहर ढा रहा है। बीते साल दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में यह वायरस मे फैला था।

ऐसा माना जाता है की यह चीन की एक सोची समझी चाल है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि यह वायरस जानवरों से फैल रहा है लेकिन अब यह पता चला है कि यह वायरस इंसानों द्वारा बनाया गया वायरस है। चीन के अलावा पूरी दुनिया में इसकी मौजूदगी कहीं नहीं देखी गई। इस दावा किया जा रहा है की करोना वायरस के पीछे कोई और नहीं चीन ही है।

इस वायरस को चीन ने अपने लैब में तैयार किया है और इसके पीछे चीन की बायो वैज्ञानिक का हाथ है। क्या होती हैं जैविक हथियार?। जैविक हथियार पारंपरिक हथियारों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं। जैविक हथियार के हमले में छोड़े गए खतरनाक वायरस एक ही झटके में एक पूरे इलाके को जानलेवा बीमारी से ग्रसित कर सकते हैं। इससे सामूहिक नरसंहार जैसे परिणाम मिलते हैं। खतरनाक बैक्टीरिया हवा में पानी के जरिए लोगों के शरीर में प्रवेश करता है और लोग जानलेवा बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए दुनिया के कई देशों ने अपने यहां जैविक हथियार का निर्माण किया है। एक इजरायल के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया कि करोना वायरस किसी जानवर से नहीं बल्कि चीन के वुहान शहर में बनाया गया है क्योंकि चीन हथियारों की जगह बायोलॉजिकल हथियार से लड़ना चाहता है। जिसके मुख्य टारगेट पर:- अमेरिका,भारत,इजरायल और जापान है।यह वायरस चीन के लैब से लीक हुआ है। इजरायल की खुफिया अधिकारी डेनियमसोहे ने यह दावा किया है की चीन ने वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजी से जानबूझकर करोना वायरस को लीक किया था यह एक मात्र संस्था है जो इस घातक वायरस से निपटने में सक्षम है और चीन की जैविक हथियार वाले प्रोग्राम से जुड़ा है। हालांकि चीन इन आरोपों को खारिज कर रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि चीन अपना बायोलॉजिकल हाथियार बनाने में लगा हुआ है। चीन ये हथियार अपने p4 लैब में बना रहा है जो चीन के वुहान शहर में स्थित है। चीन के वैज्ञानिक कनाडा से लाई गई जैविक पदार्थों से हथियार बना रहे थे। वैज्ञानिक काफी लंबे समय से इस लाइन में काम कर रहे थे। चीन की सरकार बड़ी ही साजिश करके कनाडा से ये जैविक पदार्थ लेकर आई थी। जिसका इस्तेमाल चीन के वैज्ञानिक कर रहे थे। चीन का मिशन था एक ऐसा बायोलॉजिकल हथियार तैयार करना जिससे वह युद्ध के समय दूसरे किसी देश पर छोड़ सके और वहां की हवा में वायरस छोड़ दिए जाएं ताकि बड़े पैमाने पर वहां के लोग और सैनिक इसकी चपेट में आ जाए।

चीन के वैज्ञानिक इस वायरस को एक्टिवेट करने के साथ में एंटीडॉट बनाने में भी जुटे थे ताकि चीन इससे बचा रहे और इस जैविक हथियार से चीन को कोई खतरा ना हो। नुकसान केवल दुश्मन को ही हो। हालांकि कहा तो यह जा रहा है कि चीन के वैज्ञानिक टेस्टिंग के दौरान ही मार खा गए और यह वायरस वहां के लैब के जरिए वहां के वुहान शहर में फैल गई और जो देखते ही देखते विकराल रूप ले चुका है। हालांकि इस मामले में पुख्ता सबूत सामने नहीं आ पाए हैं। क्योंकि चीनन से कोई भी जानकारी बाहर आ पाना बेहद ही मुश्किल काम है। अपने आकार में क्रॉउन या कांटो जैसा दिखने की वजह से इसका नाम करोना वायरस पड़ा है।
करोना वायरस इंसान के फेफड़ों में घातक संक्रमण करता है सबसे पहले संक्रमित व्यक्ति के शरीर का तापमान बढ़ जाता है फिर उसे बुखार आ जाता है उसे खासी होती है। एक सप्ताह बाद उसे सांस लेने में दिक्कत होती है। इस खास वायरस की एक बड़ी फैमिली है जिसमें से छः वायरस ही इंसान को संक्रमित कर सकती है माना जाता है करोना सातवां वायरस है जिसके कारण व्यक्ति को सबसे पहले खांसी-जुकाम होती है फिर बाकी की दिक्कते शुरू होती है।
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